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PKVY Yojana 2025: किसानों के लिए सरकार की बड़ी पहल

 भारत सरकार किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण को बचाने के लिए लगातार नई योजनाएं ला रही है। ऐसी ही एक अहम योजना है परम्परागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana – PKVY)। आज हम विस्तार से जानेंगे कि PKVY Yojana 2025 क्या है, पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजना MOVCDNER कैसे काम करती है, और कैसे ये जैविक खेती को बढ़ावा देकर किसानों और प्रकृति दोनों का भला कर रही हैं।

PKVY योजना क्या है? (PKVY Yojana Kya Hai?)

PKVY योजना भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसका मुख्य लक्ष्य है:

  1. जैविक खेती को बढ़ावा देना: रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर निर्भरता कम करना।
  2. मृदा स्वास्थ्य सुधारना: जैविक तरीकों से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाना।
  3. किसानों की आय बढ़ाना: जैविक उत्पादों को प्रीमियम दाम पर बेचकर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना।
  4. पर्यावरण संरक्षण: जल, मिट्टी और जैव विविधता को प्रदूषण से बचाना।

PKVY Yojana 2025: कैसे काम करती है और मुख्य बिंदु?

  • समूह आधारित दृष्टिकोण: किसानों को 50 एकड़ के क्लस्टर बनाने होते हैं। एक क्लस्टर में कम से कम 50 किसान शामिल होते हैं।
  • तीन साल का चक्र: योजना का लाभ प्रत्येक क्लस्टर को तीन वर्षों तक मिलता है।
  • वित्तीय सहायता: किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए वित्तीय मदद दी जाती है। यह मदद मुख्यतः दो रूपों में होती है:
    • इनपुट सब्सिडी: जैविक बीज, जैविक खाद (गोबर खाद, वर्मीकम्पोस्ट), जैविक कीटनाशक (नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र आदि), बहुउपयोगी पौधे (बीजामृत के लिए) आदि खरीदने के लिए।
    • क्षमता निर्माण: किसानों को जैविक खेती की तकनीकों, प्रमाणीकरण प्रक्रिया आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
  • प्रमाणीकरण: PKVY के तहत उत्पादित जैविक उपज का मान्यता प्राप्त एजेंसियों द्वारा प्रमाणीकरण करवाया जाता है (जैसे PGS-India या तृतीय पक्ष प्रमाणन)। यह प्रमाणपत्र बाजार में बेहतर कीमत पाने के लिए जरूरी है।
  • जैविक खेती में एंड-टू-एंड सपोर्ट (End-to-End Support): PKVY Yojana 2025 सिर्फ इनपुट सब्सिडी तक सीमित नहीं है। यह जैविक खेती की पूरी श्रृंखला को सपोर्ट करती है:
    • शुरुआत: प्रशिक्षण, जैविक बीज/खाद।
    • खेती: तकनीकी मार्गदर्शन, क्लस्टर गतिविधियाँ।
    • प्रमाणीकरण: लागत में सहायता।
    • विपणन (Marketing): जैविक मेलों का आयोजन, स्थानीय बाजारों से जोड़ना, “जैविक भारत” पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री की सुविधा। यह “एंड-टू-एंड सपोर्ट” का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जो किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद करता है।

पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजना: MOVCDNER (Mission Organic Value Chain Development for North Eastern Region)

पूर्वोत्तर भारत की अद्वितीय जलवायु और जैव विविधता इसे जैविक खेती के लिए आदर्श बनाती है। इस क्षमता को पूरी तरह से उभारने के लिए, केंद्र सरकार ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों (असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा) के लिए MOVCDNER मिशन चलाया है।

  • उद्देश्य: PKVY के समान ही, लेकिन पूर्वोत्तर की विशिष्ट आवश्यकताओं और फसलों (जैसे कि किंग मिर्च, अदरक, हल्दी, अनानास, केला, चाय आदि) पर विशेष ध्यान देने के साथ।
  • फोकस: पूर्वोत्तर में जैविक खेती के लिए पूर्ण मूल्य श्रृंखला (Value Chain) विकसित करना – उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और विपणन तक।
  • विशेषता: MOVCDNER विशेष रूप से पूर्वोत्तर की “जनजातीय” और “पारंपरिक” कृषि प्रणालियों को बढ़ावा देने और उन्हें जैविक मानकों के साथ जोड़ने पर जोर देता है। यह क्षेत्रीय उत्पादों के लिए ब्रांड बनाने (जैसे “अलिकिरी” – अरुणाचल प्रदेश) में भी सहायता करता है।

PKVY और MOVCDNER: मुख्य अंतर (सारणी के माध्यम से)

विशेषताPKVY (परम्परागत कृषि विकास योजना)MOVCDNER (मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर एनईआर)
दायरापूरे भारत में लागूविशेष रूप से पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के लिए
प्राथमिक फोकसजैविक खेती को बढ़ावा देना (क्लस्टर आधारित)पूर्वोत्तर में पूर्ण जैविक मूल्य श्रृंखला विकसित करना
विशेष जोरमृदा स्वास्थ्य, प्रमाणीकरण, बाजार लिंकेजक्षेत्रीय विशिष्ट उत्पाद, जनजातीय कृषि, ब्रांडिंगप्रसंस्करण
क्लस्टर आकारआमतौर पर 50 एकड़ (कम से कम 50 किसान)PKVY जैसा ही, लेकिन क्षेत्रीय संदर्भ में अनुकूलित
मार्केट लिंकेजजैविक मेले, “जैविक भारत” पोर्टलपूर्वोत्तर विशिष्ट ब्रांड्स बनाना (जैसे अलिकिरी), निर्यात को बढ़ावा

किसानों और पर्यावरण को होगा फायदा (Kisano aur Paryavaran ko hoga Fayda)

  • किसानों के लिए फायदे:
    • बेहतर आमदनी: जैविक उत्पादों को बाजार में पारंपरिक उत्पादों से 20-50% तक अधिक दाम मिलते हैं।
    • लागत में कमी: रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर खर्च कम हो जाता है।
    • लंबी अवधि में मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है: जैविक खेती मिट्टी की संरचना और जल धारण क्षमता को सुधारती है।
    • स्वास्थ्य लाभ: किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को रसायन मुक्त, पौष्टिक भोजन मिलता है।
    • बाजार पहुंच: प्रमाणीकरण और योजना के विपणन सहयोग से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच आसान होती है।
  • पर्यावरण के लिए फायदे:
    • मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरता है: जैविक कार्बन बढ़ता है, मिट्टी में जीवाणुओं की गतिविधि बढ़ती है।
    • जल प्रदूषण कम होता है: रासायनिक खादों और कीटनाशकों के बहाव से नदियों और भूजल का प्रदूषण रुकता है।
    • जैव विविधता बढ़ती है: जैविक खेतों में मित्र कीटों, परागणकर्ताओं (मधुमक्खियाँ, तितलियाँ) और सूक्ष्मजीवों की संख्या बढ़ती है।
    • जलवायु परिवर्तन में कमी: जैविक खेती मिट्टी में कार्बन सोखने की क्षमता बढ़ाकर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद करती है।

KVY Yojana 2025: कृषि विविधिकरण योजना (Krishak Vikas Yojana)

ध्यान दें: कई बार KVY (Krishak Vikas Yojana) और PKVY (Paramparagat Krishi Vikas Yojana) को लेकर भ्रम होता है। KVY एक अलग योजना है जिसका मुख्य फोकस कृषि विविधीकरण पर है – यानी केवल खाद्यान्न नहीं, बल्कि बागवानी (फल-सब्जियाँ), मशरूम, मधुमक्खी पालन, औषधीय पौधे आदि को बढ़ावा देना। हालांकि, KVY के कुछ घटक जैविक खेती का भी समर्थन कर सकते हैं, लेकिन PKVY और MOVCDNER विशेष रूप से जैविक खेती के लिए समर्पित योजनाएं है|

Impoortant Links (महत्वपूर्ण लिंक्स)

  1. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (PKVY का मुख्य पेज): https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY/index.aspx (PKVY की आधिकारिक जानकारी, दिशानिर्देश आदि)
  2. MOVCDNER योजना (एनईआर) जानकारी: https://pgsindia-ncof.gov.in/pkvy/MOVCD.aspx (पूर्वोत्तर के लिए विशेष योजना का विवरण)
  3. जैविक खेती पोर्टल (Organic Farming Portal): https://www.jaivikkheti.in/ (समग्र जैविक खेती संसाधन)
  4. PGS-इंडिया (Participatory Guarantee System): https://pgsindia-ncof.gov.in (जैविक प्रमाणीकरण के लिए)
  5. जैविक भारत (Organic Bhart) – ई-मार्केटप्लेस: https://www.jaivikbharat.fssai.gov.in (जैविक उत्पाद खरीदने/बेचने के लिए)
  6. राष्ट्रीय जैविक उत्पादन केंद्र (NCOF): https://ncof.dacnet.nic.in/ (जैविक खाद तकनीक और अनुसंधान)
  7. आवेदन प्रक्रिया: आमतौर पर राज्य सरकार के कृषि विभाग या जिला स्तरीय अधिकारियों (DAO) के माध्यम से होती है। अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क करें या राज्य कृषि विभाग की वेबसाइट देखें।

निष्कर्ष:

PKVY Yojana 2025 और MOVCDNER मिशन भारतीय कृषि को एक स्थायी और लाभकारी भविष्य की ओर ले जाने वाली महत्वपूर्ण पहल हैं। ये योजनाएं न केवल किसानों को रासायनिक खेती की बढ़ती लागत से मुक्ति दिलाकर उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद कर रही हैं, बल्कि हमारी धरती की उर्वरा शक्ति को बचाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने का भी काम कर रही हैं। अगर आप किसान हैं और जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारी से इन योजनाओं के बारे में जरूर जानकारी लें। जैविक खेती अपनाकर न सिर्फ अपना कल्याण करें, बल्कि देश और धरती की सेहत भी सुधारें!

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